टोक्यो: जापान के उत्तर-पूर्वी हिस्से में सोमवार देर रात (8 दिसंबर) एक जोरदार भूकंप ने लोगों को दहशत में डाल दिया। रिक्टर पैमाने पर इस भूकंप की तीव्रता 7.5 मापी गई है। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि प्रशासन को तुरंत सुनामी की चेतावनी (Tsunami Warning) जारी करनी पड़ी, जिसे अब वापस ले लिया गया है।
आइए जानते हैं इस घटना से जुड़ी हर बड़ी जानकारी विस्तार से:
1. कब और कहां आया भूकंप?
जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (JMA) के मुताबिक, भूकंप सोमवार रात 11:15 बजे (स्थानीय समय) आया। इसका केंद्र (Epicenter) ओमोरी प्रान्त (Aomori Prefecture) के पूर्वी तट से दूर प्रशांत महासागर में लगभग 50 किलोमीटर की गहराई पर था। झटके होक्काइडो और इवाते जैसे इलाकों में भी महसूस किए गए।
2. सुनामी का खतरा और ताजा स्थिति
भूकंप के तुरंत बाद होक्काइडो, ओमोरी और इवाते के तटीय इलाकों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की गई थी।
लहरों की ऊंचाई: कुछ जगहों पर 1 मीटर तक की लहरें उठने की आशंका थी, लेकिन कुजी पोर्ट (इवाते) पर सबसे ऊंची लहरें 70 सेंटीमीटर (करीब 2 फीट) दर्ज की गईं।
चेतावनी हटी: राहत की बात यह है कि मंगलवार सुबह (9 दिसंबर) तक सुनामी की चेतावनी को हटा दिया गया है। हालांकि, प्रशासन ने लोगों को अभी भी समुद्र तटों से दूर रहने की सलाह दी है।
3. नुकसान और घायल लोग
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, इस भूकंप से कोई बड़ी जनहानि (Casualty) नहीं हुई है, लेकिन नुकसान की खबरें आ रही हैं:
घायल: रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक 30 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। इनमें से एक व्यक्ति को गंभीर चोटें आई हैं।
बिजली गुल: भूकंप के बाद ओमोरी प्रान्त के करीब 2,700 घरों की बिजली गुल हो गई थी, जिसे धीरे-धीरे बहाल किया जा रहा है।
हचिनोहे (Hachinohe) शहर में सड़कों पर दरारें पड़ने और कुछ इमारतों के शीशे टूटने की घटनाएं सामने आई हैं।
4. न्यूक्लियर प्लांट्स पर क्या असर हुआ?
जापान में भूकंप के दौरान सबसे बड़ा डर न्यूक्लियर प्लांट्स को लेकर होता है। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि ओनागावा (Onagawa) और हिगाशी-डोरी (Higashidori) परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में कोई असामान्यता या रिसाव (Leakage) नहीं देखा गया है। वे पूरी तरह सुरक्षित हैं।
5. सरकार का एक्शन
जापान की प्रधानमंत्री सनाए ताकाइची (Sanae Takaichi) ने तुरंत एक आपातकालीन टास्क फोर्स का गठन किया है। रक्षा मंत्री शिन्जीरो कोइज़ुमी ने नुकसान का जायजा लेने के लिए हेलिकॉप्टर भेजे हैं। करीब 90,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई थी, जो अब अपने घरों को लौटने लगे हैं।
निष्कर्ष
जापान "रिंग ऑफ फायर" (Ring of Fire) क्षेत्र में स्थित है, जहां दुनिया के सबसे ज्यादा भूकंप आते हैं। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन मौसम विभाग ने अगले एक हफ्ते तक आफ्टरशॉक्स (Aftershocks) यानी भूकंप के छोटे झटकों के प्रति सतर्क रहने को कहा है।




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