नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session) में आज भी शांति की उम्मीद टूट गई। मंगलवार (2 दिसंबर) को कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा और अडाणी समूह पर लगे आरोपों को लेकर विपक्षी सांसदों ने सरकार को घेरने की कोशिश की, जिसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही को बाधित होना पड़ा।
लोकसभा में प्रश्नकाल नहीं चल सका
सुबह 11 बजे जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सांसद अपनी सीटों से खड़े हो गए और नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के सांसदों ने 'संभल हिंसा' और 'अडाणी मामले' पर तत्काल चर्चा की मांग की।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से शांत रहने और प्रश्नकाल (Question Hour) चलने देने की अपील की।
उन्होंने कहा, "सदन चर्चा और संवाद के लिए है, नारेबाजी के लिए नहीं। आप अपनी सीटों पर जाएं।"
लेकिन, विपक्षी सांसद 'वेल' (सदन के बीचों-बीच) में आ गए। हंगामे को देखते हुए स्पीकर ने कार्यवाही को पहले 12 बजे तक और फिर बाद में दिन भर के लिए स्थगित कर दिया।
राज्यसभा में भी वही हाल
उच्च सदन यानी राज्यसभा में भी नजारा कुछ अलग नहीं था। सभापति जगदीप धनखड़ के आते ही विपक्ष ने नियम 267 के तहत सारे काम रोककर चर्चा करने के नोटिस दिए थे, जिसे सभापति ने खारिज कर दिया।
इस पर नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य विपक्षी नेताओं ने विरोध जताया।
सभापति ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सदन का कीमती वक्त बर्बाद किया जा रहा है।
शोर-शराबा न रुकने पर राज्यसभा की कार्यवाही भी स्थगित करनी पड़ी।
किन मुद्दों पर मचा है घमासान?
इस बार के शीतकालीन सत्र में विपक्ष मुख्य रूप से तीन मुद्दों पर सरकार से जवाब मांग रहा है:
संभल हिंसा: उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा और पुलिस कार्रवाई पर विपक्ष न्यायिक जांच की मांग कर रहा है।
अडाणी मुद्दा: अमेरिका में गौतम अडाणी पर लगे रिश्वत के आरोपों और अभियोग (Indictment) पर विपक्ष जेपीसी (JPC) जांच की मांग पर अड़ा है।
अजमेर शरीफ दरगाह: राजस्थान में अजमेर शरीफ दरगाह के सर्वे को लेकर उठी मांग पर भी सियासी पारा चढ़ा हुआ है।
सरकार का क्या कहना है?
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के रवैये की आलोचना की है। सरकार का कहना है कि वे नियमों के तहत किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन विपक्ष जानबूझकर सदन की कार्यवाही को बाधित कर रहा है ताकि महत्वपूर्ण बिल पास न हो सकें।
आम जनता पर असर
संसद के इस सत्र में वक्फ संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill) और बैंकिंग कानून संशोधन बिल जैसे कई महत्वपूर्ण विधेयक पास होने हैं। लेकिन लगातार हो रहे हंगामे के कारण जनता के टैक्स के करोड़ों रुपये पानी में जा रहे हैं और विधायी कार्य ठप पड़े हैं।




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