नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के हैदराबाद हाउस में कल (शुक्रवार, 5 दिसंबर) भारत और रूस के बीच 23वां वार्षिक शिखर सम्मेलन (Annual Summit) संपन्न हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच चली इस 'मैराथन बैठक' में दोनों देशों ने अपनी "विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी" (Special and Privileged Strategic Partnership) को और मजबूत करने का संकल्प लिया।
पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद, भारत और रूस ने यह साफ कर दिया है कि उनकी दोस्ती हर मौसम में खरी उतरने वाली है। आइए जानते हैं कल हुए प्रमुख समझौतों और फैसलों के बारे में:
1. रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' को बूस्ट (Defense Deals)
बैठक का सबसे अहम मुद्दा रक्षा सहयोग रहा। दोनों नेताओं ने भारत में रूसी हथियारों के स्पेयर पार्ट्स (Spare Parts) और उपकरणों के निर्माण के लिए एक संयुक्त समझौते पर हस्ताक्षर किए।
AK-203 राइफल्स: अमेठी में बन रही AK-203 राइफल्स के प्रोडक्शन को और तेज करने पर सहमति बनी।
S-400 सिस्टम: रूस ने भरोसा दिलाया है कि S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की बची हुई रेजिमेंट की डिलीवरी समय पर पूरी कर दी जाएगी।
2. न्यूक्लियर एनर्जी: कुडनकुलम में नई रफ्तार
तमिलनाडु के कुडनकुलम न्यूक्लियर पावर प्लांट (Kudankulam Nuclear Power Plant) को लेकर एक बड़ी डील फाइनल हुई है। रूस ने भारत में नई परमाणु ऊर्जा इकाइयों के निर्माण के लिए तकनीकी सहायता देने का वादा किया है। यह भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में 'गेम चेंजर' साबित होगा।
3. रुपये-रूबल में व्यापार (Rupee-Ruble Trade)
डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए दोनों देशों ने अपनी राष्ट्रीय मुद्राओं (रुपये और रूबल) में व्यापार बढ़ाने पर जोर दिया। कल की बैठक में दोनों देशों के सेंट्रल बैंकों के बीच एक नया भुगतान तंत्र (Payment Mechanism) बनाने पर सहमति बनी है, जिससे व्यापारियों को पेमेंट में आसानी होगी।
4. चेन्नई-व्लादिमीरवोस्तोक कॉरिडोर (Maritime Corridor)
भारत और रूस के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 'चेन्नई-व्लादिमीरवोस्तोक ईस्टर्न मैरिटाइम कॉरिडोर' को जल्द शुरू करने का फैसला लिया गया। इससे तेल और सामान की ढुलाई का समय 40 दिन से घटकर 24 दिन रह जाएगा।
5. अंतरिक्ष में सहयोग (Space Cooperation)
भारत के 'गगनयान मिशन' (Gaganyaan Mission) के लिए रूस ने अपनी निरंतर मदद का भरोसा दिया है। क्रायोजेनिक इंजन और अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग को लेकर भी सहयोग जारी रहेगा।
पीएम मोदी का बयान:
बैठक के बाद पीएम मोदी ने कहा, "पिछले कुछ दशकों में दुनिया बहुत बदली है, लेकिन भारत और रूस की दोस्ती स्थिर रही है। रूस भारत की ऊर्जा सुरक्षा और विकास का अहम साथी है।"
पुतिन का बयान:
राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, "भारत एक महाशक्ति (Superpower) है और हमारे संबंध आपसी विश्वास पर टिके हैं। हम भारत के 'मेक इन इंडिया' अभियान में पूरा सहयोग देंगे।"
निष्कर्ष:
कल की यह बैठक न केवल भारत-रूस संबंधों के लिए बल्कि वैश्विक राजनीति (Geopolitics) के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण थी। भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह अपनी शर्तों पर विदेश नीति चलाता है और राष्ट्रीय हित उसके लिए सर्वोपरि हैं।




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