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» » Vladimir Putin India Visit: दिल्ली में 'सुपरपावर' दोस्तों का मिलन! पीएम मोदी ने पुतिन को लगाया गले, डिफेंस से लेकर एनर्जी तक होंगे ये 5 बड़े समझौते


 नई दिल्ली (www.UttamSamachar.in Bureau):

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने दो दिवसीय दौरे पर आज भारत पहुंच गए हैं। पालम एयरपोर्ट पर उनका विमान उतरते ही माहौल गर्मजोशी से भर गया। प्रोटोकॉल तोड़ते हुए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 'पुराने दोस्त' का स्वागत करने पहुंचे और उन्हें गले लगाया। यह मुलाकात सिर्फ दो नेताओं की नहीं, बल्कि बदलती हुई वैश्विक राजनीति (Geopolitics) में भारत की बढ़ती ताकत का प्रदर्शन है।

यूक्रेन संघर्ष और पश्चिमी देशों के दबाव के बीच पुतिन का यह भारत दौरा कई मायनों में ऐतिहासिक माना जा रहा है। आइए जानते हैं इस दौरे की बड़ी बातें और भारत को इससे क्या हासिल होगा।

1. डिफेंस में 'मेक इन इंडिया' को मिलेगा बूस्ट

भारत और रूस की दोस्ती की नींव रक्षा क्षेत्र (Defense Sector) है। सूत्रों के मुताबिक, इस दौरे पर दोनों देशों के बीच डिफेंस तकनीक के ट्रांसफर को लेकर बड़ी डील हो सकती है।

फोकस: भारत अब सिर्फ हथियार खरीदना नहीं, बल्कि उन्हें बनाना चाहता है। उम्मीद है कि रूस भारत में ही एडवांस फाइटर जेट्स और राइफल्स की मैन्युफैक्चरिंग के लिए हामी भरेगा।

2. सस्ता तेल और ऊर्जा सुरक्षा (Energy Security)

पिछले कुछ सालों में रूस भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता (Oil Supplier) बनकर उभरा है।

समझौता: इस विजिट में कच्चे तेल की सप्लाई को लॉन्ग-टर्म (लंबे समय) के लिए फिक्स करने पर मुहर लग सकती है, जिससे भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर रह सकें।

परमाणु ऊर्जा: कुडनकुलम न्यूक्लियर पावर प्लांट की नई यूनिट्स को लेकर भी बात आगे बढ़ेगी।

3. रुपये-रूबल में व्यापार (Rupee-Ruble Trade)

अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए पीएम मोदी और पुतिन पेमेंट सिस्टम को आसान बनाने पर जोर देंगे। दोनों देश अपने आपसी व्यापार को रुपये और रूबल में करने के लिए नए बैंकिंग गेटवे की घोषणा कर सकते हैं। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए गेम-चेंजर साबित होगा।

4. कनेक्टिविटी: चेन्नई से व्लादिवोस्तोक तक

दोनों नेता 'चेन्नई-व्लादिवोस्तोक मैरीटाइम कॉरिडोर' (समुद्री मार्ग) को जल्द शुरू करने पर चर्चा करेंगे। इससे रूस से भारत तक सामान पहुंचने में लगने वाला समय 40 दिन से घटकर 24 दिन रह जाएगा।

दुनिया की नजरें भारत पर

पुतिन की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका और यूरोप रूस को अलग-थलग करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में भारत का रूस के साथ खड़ा होना दुनिया को यह संदेश देता है कि भारत अपनी विदेश नीति (Foreign Policy) खुद तय करता है, किसी के दबाव में नहीं।

निष्कर्ष:

व्लादिमीर पुतिन और पीएम मोदी की यह केमिस्ट्री बताती है कि मौसम चाहे कैसा भी हो, भारत-रूस की दोस्ती 'सदाबहार' है। अगले 24 घंटे में होने वाले समझौते भारत को रक्षा और ऊर्जा के क्षेत्र में और भी शक्तिशाली बनाएंगे।

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