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» » Khel Wapsi: "दंगल अभी बाकी है" - विनेश फोगाट ने संन्यास तोड़ा, अब सीधा 2028 ओलंपिक पर निशाना


 दिनांक: 13 दिसंबर 2025

स्थान: नई दिल्ली/जुलाना

भारतीय कुश्ती की शेरनी और जुलाना से कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने खेल जगत में तहलका मचा दिया है। पेरिस ओलंपिक 2024 के दिल तोड़ने वाले हादसे के बाद उन्होंने कुश्ती को अलविदा कह दिया था, लेकिन कल (शुक्रवार) उन्होंने ऐलान कर दिया कि उनका सफर अभी खत्म नहीं हुआ है। विनेश ने आधिकारिक तौर पर संन्यास (Retirement) वापस ले लिया है और अब उनकी निगाहें लॉस एंजिल्स 2028 ओलंपिक (LA 2028) पर टिकी हैं।

"वो आग अभी बुझी नहीं है" (The Fire Never Left)

विनेश ने सोशल मीडिया पर एक बेहद भावुक पोस्ट लिखकर अपनी वापसी की घोषणा की। उन्होंने लिखा:

"काफी समय तक मेरे पास इस सवाल का जवाब नहीं था कि क्या पेरिस मेरा अंत था। लेकिन उस खामोशी में मुझे एक सच मिला—मैं अब भी इस खेल से प्यार करती हूँ। मेरे अंदर की आग कभी बुझी नहीं थी, बस शोर और थकान के नीचे दब गई थी।"

उन्होंने साफ किया कि अनुशासन, रूटीन और लड़ने का जज्बा उनके खून में है और वह हार मानने वालों में से नहीं हैं।

नया साथी, नई ताकत: बेटा 'कृधव'

इस बार की वापसी विनेश के लिए पिछले दौर से काफी अलग है। जुलाई 2025 में विनेश मां बनी थीं और उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया, जिसका नाम 'कृधव' है। विनेश ने कहा कि इस बार वह अकेली नहीं हैं।

"मेरा बेटा मेरी टीम जॉइन कर रहा है। वह लास एंजिल्स ओलंपिक की राह पर मेरा सबसे बड़ा मोटिवेशन और नन्हा चीयरलीडर होगा।"

राजनीति और खेल का संतुलन

विनेश अभी हरियाणा के जुलाना से विधायक (MLA) भी हैं। उनकी वापसी की खबर से जहां खेल प्रेमी खुश हैं, वहीं उनके विधानसभा क्षेत्र में मिली-जुली प्रतिक्रिया है। कुछ लोग खुश हैं कि उनकी 'बेटी' देश के लिए मेडल लाएगी, वहीं कुछ लोगों को चिंता है कि खेल में व्यस्त होने के कारण वह विधायक के तौर पर अपने क्षेत्र को समय दे पाएंगी या नहीं।

फ्लैशबैक: पेरिस का वह दर्द

याद दिला दें कि 2024 पेरिस ओलंपिक में विनेश फाइनल में पहुँचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी थीं। लेकिन फाइनल वाले दिन सुबह वजन केवल 100 ग्राम ज्यादा होने की वजह से उन्हें अयोग्य घोषित (Disqualify) कर दिया गया था। उस सदमे में उन्होंने संन्यास का ऐलान कर दिया था। लेकिन अब 18 महीने बाद, वह उस अधूरे सपने को पूरा करने के लिए मैट पर वापस आ रही हैं।

निष्कर्ष

विनेश फोगाट की यह 'खेल वापसी' सिर्फ एक खिलाड़ी की वापसी नहीं है, बल्कि यह उस जज्बे की जीत है जो कहता है कि "जब तक तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं"। पूरा देश अब 2028 में उन्हें पोडियम पर देखने का इंतज़ार कर रहा है।

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